ग्रीष्म ऋतु भारत की छह ऋतुओं में से एक महत्वपूर्ण ऋतु है, जो मार्च के अंत से लेकर जून तक रहती है। इसे गर्मी का मौसम भी कहते हैं। यह ऋतु प्रकृति की शक्ति और उसकी विविधताओं को अनुभव करने का समय है। इस समय सूरज अपने तेज़ और प्रखर रूप में होता है, जिससे पूरे वातावरण में गर्मी का अनुभव होता है।

ग्रीष्म ऋतु का प्रभाव

ग्रीष्म ऋतु का सीधा प्रभाव हमारे जीवन, पर्यावरण, और जीव-जंतुओं पर पड़ता है। इस मौसम में दिन लंबे और रातें छोटी हो जाती हैं। सूरज की किरणें तेज़ और सीधी पड़ती हैं, जिससे तापमान में वृद्धि होती है। खेतों में खड़ी फसलें सूखने लगती हैं, और पानी के स्रोत जैसे तालाब, झील और नदियाँ सिकुड़ने लगती हैं। पशु-पक्षी भी गर्मी से बचने के लिए छायादार स्थानों की तलाश करते हैं।

ग्रीष्म ऋतु के लाभ

ग्रीष्म ऋतु का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है। यह फसल कटाई का समय होता है, जब किसान अपनी मेहनत का फल प्राप्त करते हैं। आम, तरबूज, लीची, और खरबूज जैसे स्वादिष्ट फल इस मौसम की देन हैं। इसके अलावा, यह समय बच्चों की गर्मियों की छुट्टियों का भी होता है, जब वे अपने परिवार के साथ घूमने-फिरने का आनंद लेते हैं। इस ऋतु में लोग पहाड़ी इलाकों या समुद्र तटों पर जाकर सुकून महसूस करते हैं।

ग्रीष्म ऋतु की चुनौतियाँ

हालाँकि ग्रीष्म ऋतु के कई लाभ हैं, लेकिन यह कुछ चुनौतियाँ भी लेकर आती है। गर्मी के कारण लू लगने, पानी की कमी और फसल के नुकसान की समस्या होती है। प्यास की अधिकता और अत्यधिक पसीने के कारण शरीर में कमजोरी महसूस होती है। पेयजल की कमी और सूखा भी इस मौसम की सामान्य समस्याएँ हैं।

ग्रीष्म ऋतु में स्वास्थ्य का ध्यान

इस मौसम में स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, हल्के और सूती कपड़े पहनना, और ताजे फलों का सेवन करना चाहिए। गर्मी से बचने के लिए घर से बाहर निकलते समय छाता या टोपी का उपयोग करना चाहिए। साथ ही, तेज़ धूप में बाहर जाने से बचना चाहिए।

निष्कर्ष

ग्रीष्म ऋतु हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। यह ऋतु हमें प्रकृति की शक्ति और उसकी विविधता का अनुभव कराती है। हालाँकि इसमें चुनौतियाँ हैं, लेकिन यह हमें धैर्य और साधन-संपन्नता की शिक्षा देती है। यदि हम इसके प्रति सचेत रहें और सावधानियाँ बरतें, तो हम इस मौसम का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।

ग्रीष्म ऋतु हमें यह भी सिखाती है कि हर ऋतु का अपना महत्व है और हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर चलना चाहिए।

1. ग्रीष्म ऋतु कब शुरू होती है और कब समाप्त होती है?

उत्तर:- ग्रीष्म ऋतु भारत में मार्च के अंत से शुरू होकर जून तक रहती है।

2. ग्रीष्म ऋतु के मुख्य लक्षण क्या हैं?

उत्तर:- ग्रीष्म ऋतु के मुख्य लक्षण हैं तेज़ धूप, गर्म हवाएँ (लू), लंबी दिनचर्या, छोटी रातें, और उच्च तापमान।

3. ग्रीष्म ऋतु में कौन-कौन से फल अधिक मिलते हैं?

उत्तर:- आम, तरबूज, खरबूज, लीची, अंगूर, और जामुन जैसे फल ग्रीष्म ऋतु में विशेष रूप से मिलते हैं।

4. ग्रीष्म ऋतु में क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

उत्तर:- i.) पर्याप्त पानी पीएं।
ii.) हल्के और सूती कपड़े पहनें।
iii.) धूप में बाहर निकलते समय छाता या टोपी का उपयोग करें।
iv.) गर्मी से बचने के लिए ठंडे पेय पदार्थों और फलों का सेवन करें।

5. ग्रीष्म ऋतु में होने वाली प्रमुख समस्याएँ क्या हैं?

उत्तर:- लू लगना।
पानी की कमी।
फसल का सूखना।
सूखा और जल संकट।

6. ग्रीष्म ऋतु में कौन-कौन से पेय पदार्थ लाभदायक होते हैं?

उत्तर:- नींबू पानी, बेल का शरबत, नारियल पानी, छाछ, और ठंडा दूध इस मौसम में लाभकारी होते हैं।

7. ग्रीष्म ऋतु का महत्व क्या है?

उत्तर:- यह फसल कटाई का समय होता है, और कई स्वादिष्ट फलों की उपलब्धता इसी ऋतु में होती है। इसके अलावा, यह बच्चों की छुट्टियों का भी समय है।