मंहगाई पर निबंध हिंदी में || Essay on Dearness in Hindi
मंहगाई पर निबंध
भूमिका।
वर्तमान समय में महंगाई देश की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। यह मंहगाई रुकने का नाम ही नहीं देती है। दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ती चली जा रही है। ऐसा लगता है सरकार का मंहगाई पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। जबसे हमें आजादी मिली है तब से लेकर आज तक लगातार वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। बढ़ते महंगाई से गरीब और मध्य वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। महंगाई के कारण हम अपनी छोटी सी छोटी आवश्यकताओं की पूर्ति करने मे असक्षम होते हैं। बढ़ती महंगाई का प्रभाव हमारे जीवन के हर क्षेत्र में पड़ता है। महंगाई के कारण बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। बाजारों में फलों और सब्जियों की कीमत अधिक होने के कारण गरीब और मध्यमवर्ग के लोग इसे नहीं खरीद पा रहे हैं। जिसके कारण उन्हें पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है। और उनका स्वास्थ्य खराब होने लगता है। इस प्रकार से बढ़ती हुई महंगाई के कारण हम अपनी छोटी सी छोटी इच्छा पूरी नहीं कर पाते हैं।
बढ़ती हुई महंगाई
प्राचीन काल से ही रोटी, कपड़ा और मकान-ये मनुष्य की तीन मूलभूत आवश्यकताएं है। इसी से संबंधित मनुष्य की अन्य आवश्यकताऐं भी हैं। मानव जीवन के दैनिक उपयोग में आने वाली सभी वस्तुओं के मूल्य में अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि ही महंगाई कहलाती है। आधुनिक युग में देश बहुत बड़ी समस्या में खड़ा है। एक तरफ जनसंख्या वृद्धि की समस्या और दूसरी ओर बढ़ती हुई महंगाई। वर्तमान समय में अपेक्षाकृत जनसंख्या बढ़ती जा रही है जिसके कारण महंगाई भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। आधुनिक युग में दैनिक उपयोग में आने वाली सभी वस्तुओं के मूल्य बढ़ते जा रहे हैं जिस कारण जीवन निर्वाह भी आज के मनुष्य के समक्ष कठिन समस्या बन गई है। महंगाई की मार ने समस्त देशवासी का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मनुष्य अपने सभी आवश्यकताओं को पूरी नहीं कर पा रहे हैं। गरीब और मध्यम श्रेणी के व्यक्तियों के लिए जीवन यापन दुर्लभ हो गया है। आधुनिक युग में महंगाई जानलेवा हो गई है। महंगाई के कारण आम जनता की कमर टूट गई है। आजकल आम आदमी का जीवन जी पाना दिन–प्रतिदिन कठिन होता जा रहा है। पहले लोग दाल–रोटी खा कर जी रहे थे। लेकिन अब अपने परिवार के लिए दाल रोटी–जुटा पाना लगातार कठिन होता जा रहा है। बढ़ती महंगाई में अमीर–गरीब मध्यवर्ग सभी की हालत दयनीय होती जा रही है। बढ़ती महंगाई के कारण समाज में रिश्वत, भ्रष्टाचार, चोरी, कालाबाजारी लगातार बढ़ रहा है। इस तरह से लोग आजकल स्वार्थी होते जा रहा हैं। इसके अलावा महंगाई बढ़ने के और भी कारण है। जैसे–जनसंख्या के अनुपात से उत्पादन कम होना, कृषि योग्य भूमि मे बस्तियां बस जाना, प्राकृतिक से संबंध टूट जाना आदि।
महंगाई बढ़ने के कारण।
उत्पादन में कमी तथा मांग में वृद्धि होना महंगाई का प्रमुख कारण है। महंगाई बढ़ने और घटने का कारण मांग और आपूर्ति होता है। मांग व्यक्ति की उपरोक्त वास्तु की खरीदने की क्षमता यानी कि उसके वजट पर निर्भर करता है। उसके द्वारा जमा की गई राशि उसके खर्च पर निर्भर करता है कि उसकी कुल आय कितनी है, वह कितना खर्च करने में सक्षम है। यदि व्यक्ति के पास बजट अधिक है तो वह अपनी इच्छा अनुसार आधिक चीजों की खरीदारी करेगा और अधिक खरीदारी करने में वस्तु की मांग में वृद्धि होगी। यदि मांग के अनुसार उत्पादन होता है तो वस्तु की कीमत समान रहेगी। और यदि मांग के अनुसार उत्पादन की कमी हो तो महंगाई बढ़ जाएगी। महंगाई बढ़ने का और भी कारण हो सकता है। जैसे– बढ़ती हुई जनसंख्या, कलाबाजारी, प्राकृतिक आपदा इत्यादि। जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण वस्तुओं की मांग में अत्यधिक वृद्धि हो रही है। मांग के अनुसार वस्तुओं की पूर्ति नहीं हो पा रही है। जिसके कारण वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि आ रही है। बढ़ती हुई महंगाई का कालाबाजारी भी एक कारण है। बड़े-बड़े व्यापारी और पूंजीपति अत्यधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से जरूरी चीजों का संग्रह कर लेते हैं जिसके कारण बाजार से आवश्यकता अनुसार चीजें मिलना बंद हो जाता है। जैसी ही उन चीजों की आपूर्ति होती है व्यापारी इसे अत्यधिक दाम बढ़ाकर बेचना शुरू कर देते हैं। इसी को कालाबाजारी कहा जाता है।
मंहगाई से होने वाली हानियाँ।
- लोगो का पलायन कर जाना।
- गरीबी का बढ़ना।
- बच्चो को सही शिक्षा नहीं मिलना।
- लोगो की मुलभुत आवश्कताओ तक का पूरा नहीं होना।
- बच्चो को दो वक्त की रोटी नहीं मिलना।
निष्कर्ष।
वर्तमान समय में हमारे जीवन की सबसे बड़ी समस्या महगाई है। हम अपने सीमित साधनों से अपनी सभी असीमित आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकते हैं। निरंतर बढ़ती हुई महंगाई से छुटकारा पाने के लिए सरकार को विशेष कदम उठाना चाहिए। बढ़ती हुई महंगाई पर काबू पाने के लिए सबसे पहले जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहिए। दिन प्रतिदिन बढ़ता जमाखोरी, कालाबाजारी, मुद्रास्फीति को कठोरता से रोका जाना चाहिए। कृषि योग्य भूमि की रक्षा की जानी चाहिए। प्रकृति के साथ संबंध जोड़ना चाहिए। अतः इस प्रकार के प्रयासों से हम लगातार बढ़ रहे महंगाई पर नियंत्रण पा सकते हैं।
मंहगाई पर निबंध
भूमिका।
वर्तमान समय में महंगाई देश की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। यह मंहगाई रुकने का नाम ही नहीं देती है। दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ती चली जा रही है। ऐसा लगता है सरकार का मंहगाई पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। जबसे हमें आजादी मिली है तब से लेकर आज तक लगातार वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। बढ़ते महंगाई से गरीब और मध्य वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। महंगाई के कारण हम अपनी छोटी सी छोटी आवश्यकताओं की पूर्ति करने मे असक्षम होते हैं। बढ़ती महंगाई का प्रभाव हमारे जीवन के हर क्षेत्र में पड़ता है। महंगाई के कारण बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। बाजारों में फलों और सब्जियों की कीमत अधिक होने के कारण गरीब और मध्यमवर्ग के लोग इसे नहीं खरीद पा रहे हैं। जिसके कारण उन्हें पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है। और उनका स्वास्थ्य खराब होने लगता है। इस प्रकार से बढ़ती हुई महंगाई के कारण हम अपनी छोटी सी छोटी इच्छा पूरी नहीं कर पाते हैं।
बढ़ती हुई महंगाई
प्राचीन काल से ही रोटी, कपड़ा और मकान-ये मनुष्य की तीन मूलभूत आवश्यकताएं है। इसी से संबंधित मनुष्य की अन्य आवश्यकताऐं भी हैं। मानव जीवन के दैनिक उपयोग में आने वाली सभी वस्तुओं के मूल्य में अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि ही महंगाई कहलाती है। आधुनिक युग में देश बहुत बड़ी समस्या में खड़ा है। एक तरफ जनसंख्या वृद्धि की समस्या और दूसरी ओर बढ़ती हुई महंगाई। वर्तमान समय में अपेक्षाकृत जनसंख्या बढ़ती जा रही है जिसके कारण महंगाई भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। आधुनिक युग में दैनिक उपयोग में आने वाली सभी वस्तुओं के मूल्य बढ़ते जा रहे हैं जिस कारण जीवन निर्वाह भी आज के मनुष्य के समक्ष कठिन समस्या बन गई है। महंगाई की मार ने समस्त देशवासी का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मनुष्य अपने सभी आवश्यकताओं को पूरी नहीं कर पा रहे हैं। गरीब और मध्यम श्रेणी के व्यक्तियों के लिए जीवन यापन दुर्लभ हो गया है। आधुनिक युग में महंगाई जानलेवा हो गई है। महंगाई के कारण आम जनता की कमर टूट गई है। आजकल आम आदमी का जीवन जी पाना दिन–प्रतिदिन कठिन होता जा रहा है। पहले लोग दाल–रोटी खा कर जी रहे थे। लेकिन अब अपने परिवार के लिए दाल रोटी–जुटा पाना लगातार कठिन होता जा रहा है। बढ़ती महंगाई में अमीर–गरीब मध्यवर्ग सभी की हालत दयनीय होती जा रही है। बढ़ती महंगाई के कारण समाज में रिश्वत, भ्रष्टाचार, चोरी, कालाबाजारी लगातार बढ़ रहा है। इस तरह से लोग आजकल स्वार्थी होते जा रहा हैं। इसके अलावा महंगाई बढ़ने के और भी कारण है। जैसे–जनसंख्या के अनुपात से उत्पादन कम होना, कृषि योग्य भूमि मे बस्तियां बस जाना, प्राकृतिक से संबंध टूट जाना आदि।
महंगाई बढ़ने के कारण।
उत्पादन में कमी तथा मांग में वृद्धि होना महंगाई का प्रमुख कारण है। महंगाई बढ़ने और घटने का कारण मांग और आपूर्ति होता है। मांग व्यक्ति की उपरोक्त वास्तु की खरीदने की क्षमता यानी कि उसके वजट पर निर्भर करता है। उसके द्वारा जमा की गई राशि उसके खर्च पर निर्भर करता है कि उसकी कुल आय कितनी है, वह कितना खर्च करने में सक्षम है। यदि व्यक्ति के पास बजट अधिक है तो वह अपनी इच्छा अनुसार आधिक चीजों की खरीदारी करेगा और अधिक खरीदारी करने में वस्तु की मांग में वृद्धि होगी। यदि मांग के अनुसार उत्पादन होता है तो वस्तु की कीमत समान रहेगी। और यदि मांग के अनुसार उत्पादन की कमी हो तो महंगाई बढ़ जाएगी। महंगाई बढ़ने का और भी कारण हो सकता है। जैसे– बढ़ती हुई जनसंख्या, कलाबाजारी, प्राकृतिक आपदा इत्यादि। जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण वस्तुओं की मांग में अत्यधिक वृद्धि हो रही है। मांग के अनुसार वस्तुओं की पूर्ति नहीं हो पा रही है। जिसके कारण वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि आ रही है। बढ़ती हुई महंगाई का कालाबाजारी भी एक कारण है। बड़े-बड़े व्यापारी और पूंजीपति अत्यधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से जरूरी चीजों का संग्रह कर लेते हैं जिसके कारण बाजार से आवश्यकता अनुसार चीजें मिलना बंद हो जाता है। जैसी ही उन चीजों की आपूर्ति होती है व्यापारी इसे अत्यधिक दाम बढ़ाकर बेचना शुरू कर देते हैं। इसी को कालाबाजारी कहा जाता है।
मंहगाई से होने वाली हानियाँ।
- लोगो का पलायन कर जाना।
- गरीबी का बढ़ना।
- बच्चो को सही शिक्षा नहीं मिलना।
- लोगो की मुलभुत आवश्कताओ तक का पूरा नहीं होना।
- बच्चो को दो वक्त की रोटी नहीं मिलना।
निष्कर्ष।
वर्तमान समय में हमारे जीवन की सबसे बड़ी समस्या महगाई है। हम अपने सीमित साधनों से अपनी सभी असीमित आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकते हैं। निरंतर बढ़ती हुई महंगाई से छुटकारा पाने के लिए सरकार को विशेष कदम उठाना चाहिए। बढ़ती हुई महंगाई पर काबू पाने के लिए सबसे पहले जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहिए। दिन प्रतिदिन बढ़ता जमाखोरी, कालाबाजारी, मुद्रास्फीति को कठोरता से रोका जाना चाहिए। कृषि योग्य भूमि की रक्षा की जानी चाहिए। प्रकृति के साथ संबंध जोड़ना चाहिए। अतः इस प्रकार के प्रयासों से हम लगातार बढ़ रहे महंगाई पर नियंत्रण पा सकते हैं।